Sunday, January 23, 2011

एक बेहतर समाज बनाने के लिए To make a better society

चर्चाशाली मंच में हर उस नर नारी का स्वागत है जो कि किसी भी विषय पर चर्चा करने का इच्छुक हो .
आस्तिक नास्तिक हरेक विचारशील सभ्य नागरिक का इस मंच पर स्वागत है .
इसमें जुड़ने के लिए कृपया अपनी ईमेल आई डी पेश भेजें.



क्या सभी धर्म एक ही ईश्वर की पूजा करना बताते हैं ? Some phillosophers are wrong doers.
@ हरीश जी ! इस साझा ब्लाग 'लखनऊ ब्लागर्स एसोसिअशन' पर किसी को भी धर्मग्रंथों को प्रमाण के रूप में पेश करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए वरना जो उसके मत से असहमत है वह सवाल ज़रूर उठाएगा और तब जवाब दिया जाना चाहिए ।
अगर आपके पास तार्किक उत्तर नहीं हैं तो फिर पुराणों को विज्ञान का स्रोत बताकर भ्रम न फैलाया जाए ।
सभी धर्म न तो एक ईश्वर की पूजा करना बताते हैं और न ही वे सब के सब मानव जाति के लिए समान रूप से कल्याणकारी हैं ।
धर्म के नाम से जाने जा रहे कितने ही दर्शन तो ईश्वर का वजूद ही नहीं मानते !
पता नहीं आपने कहाँ पढ़ लिया कि सभी धर्म एक ही ईश्वर की पूजा करना बताते हैं ?
सही बात आपको बताई जाती है तो इसे आप शास्त्रार्थ कहने के बजाय विवाद करना समझकर अल्पबुद्धि का परिचय क्यों देते हैं बार बार ?

@ हरीश जी ! जब पोस्ट लेखक डा. श्याम गुप्ता जी को कोई ऐतराज नहीं है हमारे द्वारा सवाल पूछने पर बल्कि वह चाहते हैं कि उनसे सवाल पूछे जाएँ तो आपको क्या ऐतराज है भाई ?
जो सवाल आपसे पूछा है उसका जवाब आपने अभी तक क्यों नहीं दिया है ?

@ गुप्ता जी ! आपने भी नहीं बताया कि भागवत में महात्मा बुद्ध को विष्णु जी का पापावतार क्यों बताया गया है ?
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इस सम्बन्ध में पूरी जानकारी के लिए देखें -


http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2011/01/blog-post_5530.html

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