हमारी वाणी का दावा है कि वह नियम भंग करने वाले का धर्म, लिंग और उसका प्रभाव नहीं देखती। अगर कोई भी ब्लॉगर उसका नियम भंग करता है तो वह तुरंत कार्रवाई करती है। अगर ऐसा है तो शायद इस बार अपने महापत्रकार अजय कुमार झा जी पर हमारी वाणी कोई कार्रवाई कर बैठे।
आज हमने देखा कि हमारी वाणी के बोर्ड पर एक ही आदमी के तीन फ़ोटो नज़र आ रहे हैं। हमने सोचा कि अब तो यहां सलीम ख़ान भी नहीं हैं और हमने भी अपने पर-पुर्ज़े समेट लिए हैं तब आखि़र कौन है यह तो द्विवेदी जी की हमारी वाणी का सौंदर्य नष्ट करने पर तुला हुआ है। ग़ौर से देखा तो पता चला कि यह तो अपने अजय कुमार झा जी हैं। उन्हें देखकर दिल को तसल्ली हुई कि ये तो ब्राह्मण हैं, इनसे तो हमारी वाणी का सौंदर्य नष्ट होने का सवाल ही नहीं है। अगर ये एक पोस्ट और कर देते तो उल्टे चार चांद और लग जाते। हम अभी यह सोच ही रहे थे कि उनकी एक पोस्ट और नाज़िल हो गई और सचमुच ही चार चांद लगा दिए उन्होंने। हमने जाकर पोस्ट पढ़ी तो दो पोस्ट तो बिल्कुल एक ही हैं। उनके शीर्षक में भी ज़्यादा अंतर नहीं किया गया है।
आदमी क़ाबिल हैं। अन्ना जी का मुददा है। सब कुछ सही लेकिन हमारी वाणी का दावा है कि वह नियम भंग करने वाले पर कार्रवाई करती है और वह धर्म, लिंग और ब्लॉगर के रूतबे को नहीं देखती।
देखते हैं कि अब अजय जी के दो ब्लॉग का निलंबन होता है या फिर एक का या फिर उन्हें मात्र चेतावनी ही देकर छोड़ दिया जाएगा ?
2- http://aajkamudda.blogspot.com/2011/04/1.html
3- http://khabarokikhabar.blogspot.com/2011/04/3.html
4- http://ajaykumarjha1973.blogspot.com/2011/04/blog-post_07.html
.जैसे ही हमारी पोस्ट पब्लिश वैसी ही अजय जी ने पलती मरकर पोस्ट ही बदल डाली .
http://jholtanma-biharibabukahin.blogspot.com/2011/04/2.हटमल
इस लिंक पर जो पोस्ट नज़र आ रही है ठीक वही पोस्ट नज़र आ रही थी निम्न लिंक पर
http://aajkamudda.blogspot.com/2011/04/1.html
लेकिन अब इस पर नज़र आ रही है
'जन लोकपाल बिल क्या है ?'
आज हमने देखा कि हमारी वाणी के बोर्ड पर एक ही आदमी के तीन फ़ोटो नज़र आ रहे हैं। हमने सोचा कि अब तो यहां सलीम ख़ान भी नहीं हैं और हमने भी अपने पर-पुर्ज़े समेट लिए हैं तब आखि़र कौन है यह तो द्विवेदी जी की हमारी वाणी का सौंदर्य नष्ट करने पर तुला हुआ है। ग़ौर से देखा तो पता चला कि यह तो अपने अजय कुमार झा जी हैं। उन्हें देखकर दिल को तसल्ली हुई कि ये तो ब्राह्मण हैं, इनसे तो हमारी वाणी का सौंदर्य नष्ट होने का सवाल ही नहीं है। अगर ये एक पोस्ट और कर देते तो उल्टे चार चांद और लग जाते। हम अभी यह सोच ही रहे थे कि उनकी एक पोस्ट और नाज़िल हो गई और सचमुच ही चार चांद लगा दिए उन्होंने। हमने जाकर पोस्ट पढ़ी तो दो पोस्ट तो बिल्कुल एक ही हैं। उनके शीर्षक में भी ज़्यादा अंतर नहीं किया गया है।
आदमी क़ाबिल हैं। अन्ना जी का मुददा है। सब कुछ सही लेकिन हमारी वाणी का दावा है कि वह नियम भंग करने वाले पर कार्रवाई करती है और वह धर्म, लिंग और ब्लॉगर के रूतबे को नहीं देखती।
देखते हैं कि अब अजय जी के दो ब्लॉग का निलंबन होता है या फिर एक का या फिर उन्हें मात्र चेतावनी ही देकर छोड़ दिया जाएगा ?
अजय जी की चारों पोस्ट्स के लिंक निम्न हैं। आप भी जाएं और अन्ना जी का समर्थन करें।
1- http://jholtanma-biharibabukahin.blogspot.com/2011/04/2.html2- http://aajkamudda.blogspot.com/2011/04/1.html
3- http://khabarokikhabar.blogspot.com/2011/04/3.html
4- http://ajaykumarjha1973.blogspot.com/2011/04/blog-post_07.html
http://jholtanma-biharibabukahin.blogspot.com/2011/04/2.हटमल
इस लिंक पर जो पोस्ट नज़र आ रही है ठीक वही पोस्ट नज़र आ रही थी निम्न लिंक पर
http://aajkamudda.blogspot.com/2011/04/1.html
लेकिन अब इस पर नज़र आ रही है
'जन लोकपाल बिल क्या है ?'
हम तोप के गोले छोड़ते और सलामी देते ही रह गए उनके साहस को और वह मैदान ही छोड़ भागे .
खैर यह तो नेट है मिटने के बावजूद भी पुराना रिकार्ड देखना मुमकिन है .
10 comments:
डॉ. अनवर जमाल जी ,
आपका हमारीवाणी को लेकर बिदकना ्स्वाभाविक ही है , लेकिन शायद आप इतने ज्यादा बौखलाए हुए हैं कि अनाप शनाप लिख रहे हैं । आपने चतुराई तो खूब दिखाई ये साबित करने की ,कि मैंने एक ही पोस्ट दो ब्लॉग पर एक साथ प्रकाशित की , हालांकि मुझे आपको सफ़ाई देने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन अब चूंकि आप शीर्षक में ही मेरे नाम से दंड पेल रहे हैं तो कहना ही पडा । आपको शायद पता नहीं कि मैं अपनी पोस्टों को फ़ेसबुक और बज्ज पर भी पब्लिश होने के साथ ही साझा करता हूं जिसे देख कर कोई भी बता सकता है कि न तो मैंने कोई पोस्ट एडिट की है न ही वो एक पोस्ट है । अभी तो मैं किसी और ही मकसद में उलझा हुई हूं । वैसे इसी काम के लिए मैंने भी एक ब्लॉग " ब्लॉग बकबक " के नाम से बना रखा है ॥ आने वाले समय में मैं भी जरूर दंड पेलना चाहूंगा तब तक धैर्य बनाए रखें मित्र । अभी समय अजय कुमार झा के नाम से पोस्ट लिखने का नहीं है डॉ. साहब ..............आंखें खोलिए और देखिए कि देश किसका नाम ले रहा है ..शायद आप समझ सकें । शुक्रिया
अब आप ये न कहिएगा कि मैंने टिप्पणी एक ही जैसी दो ब्लॉग पर लगा दी है इसलिए फ़िर से बांकी बजे तोपों की सलामी ठोक दीजीएगा ।अरे महाराज जरा आगे बढिए इन सबसे । मुझे , और मेरी रग रग से ये ब्लॉग जगत खूब वाकिफ़ है । काहे अपनी डॉक्टरी हमपे आजमा रहे हैं ..हम इंसान जरा दूजे किस्म के हैं । चलिए फ़िर भी आपकी इस पोस्ट के बहाने आपके दिए लिंक पर पहुंच कर लोग वो पढेंगे जो मैं पढाना चाह रहा हूं तो इसके लिए भी आपको शुक्रिया तो कहना ही पडेगा
बताइएगा जरूर कि हमारीवाणी से आपने हमारे ब्लॉग को suspend करवाया कि नहीं ..और suspend काहे जी कहिए डायरेक्ट terminate ही कर डालें ...क्यों क्या कहते हैं ??
अन्ना समर्थक विप्र अजय ! हमारे ब्लॉग पर आप इसलिए आए कि आपका नाम लिया । यह तो कोई बात न हुई , भ्रष्टाचार और वृद्धों की समस्याओं पर लिखी गई पोस्ट पर भी आपको आना चाहिए था, एक ज़िम्मेदार और निष्पक्ष ब्लॉगर होने के नाते ?
हमारी वाणी भला आपको कोई सज़ा या नोटिस कैसे दे सकती है ?
एक तो आपने चार चाँद लगाए और फिर उसके प्रमुख भी एक ब्राह्मण हैं और साथ में वकील भी हैं। वकील सत्य और न्याय के बजाय केवल अपने मुवक्किल का हित देखता है। ईश्वर को साक्षी जानते या उसका ध्यान करते तो शायद वे न्याय करते लेकिन वे तो ख़ुद को नास्तिक कहते हैं।
हमे क्या करना है बौखलाकर , हम जब चाहेंगे अपने लिए अपनी वाणी बना लेंगे।
जो आदमी कभी एक टिप्पणी न करता हो , उसने दे दनादन चार कर डालीं ?
ब्लॉग जगत इसे समझेगा बौखलाना !
आप देखिए और सोचिए कि हमने तो आपकी 3+1 चार चार टिप्पणियाँ अपने विरोध में सजाकर रखी हैं लेकिन आपसे हमारी एक टिप्पणी हज़्म न हो सकी, आपने उसे मिटा डाला आख़िर क्यों ?
जबकि अपनी पोस्ट में आप वाइफ़ स्वैपिंग, लिव इन रिलेशन और समलैंगिक संबंध आदि समस्याएं गिना रहे थे और हम आपको इनसे मुक्ति का उपाय बता रहे थे। आपको उसका लिंक भी दिया जाएगा और उस विषय पर एक पोस्ट भी लिखी जाएगी लेकिन अभी हम पहला काम करना चाहेंगे क्योंकि हम अभी जागे हैं ।
आप अपनी स्नेहदृष्टि बनाए रखेंगे और हमारी ब्लॉगिंग की मजबूरी को समझकर इसे अपना विरोध नहीं मानेंगे और न ही अन्यथा लेंगे।
भ्रष्टाचार और पक्षपात का विरोध हरेक स्तर पर होना चाहिए । अन्ना यह काम बाहर कर रहे हैं और हम अंदर , वर्चुअल वर्ल्ड में।
जो यहाँ भ्रष्टाचार और अनैतिक काम कर रहे हैं वे नशेड़ी भी अन्ना की जय जयकार करने में गर्व महसूस कर रहे हैं , ऐसा क्यों ?
जो आदमी कभी एक टिप्पणी न करता हो , उसने दे दनादन चार कर डालीं ?
हा हा हा आपने फ़िर मुझे निशाने पर लिया ,,,,अरे डॉ. साहब मैं क्या बताऊं कि मैं कहां कितनी टिप्पणी करता हूं । चलिए कोई बात नहीं
अपने विरोध में सजाकर रखी हैं लेकिन आपसे हमारी एक टिप्पणी हज़्म न हो सकी, आपने उसे मिटा डाला आख़िर क्यों ?
अब ये आपने कहां देख लिया प्रभु कि मैंने आपकी टिप्प्णी मिटा भी डाली ..कौन सी थी वो टिप्पणी जो मिटा डाली ..मुझे मेल कर दें मैं मेल से उठा के प्रकाशित कर दूंगा वो भी जहां आप चाहेंगे वहीं पर ।
जबकि अपनी पोस्ट में आप वाइफ़ स्वैपिंग, लिव इन रिलेशन और समलैंगिक संबंध आदि समस्याएं गिना रहे थे और हम आपको इनसे मुक्ति का उपाय बता रहे थे।
जर्रानवाज़ी का शुक्रिया लेकिन आप ये समाज को , दुनिया को बताएं तो ज्यादा सार्थक होगा ? है कि नहीं ।
जो यहाँ भ्रष्टाचार और अनैतिक काम कर रहे हैं वे नशेड़ी भी अन्ना की जय जयकार करने में गर्व महसूस कर रहे हैं , ऐसा क्यों ?
ये तो आप खुद से ही पूछिए न कि ऐसा क्यों ?
अब देखिए न आज देश हर धर्म , हर जाति , हर मकसद से ऊपर उठ कर कौन सी लडाई लडने को तत्पर है और आप कौन सी लड रहे हैं ।
वक्त को समझिए डॉ. साहब , उर्जा को अगर सही दिशा मिले तो ही वो सृजन करती है । अब आप कहेंगे कि मैंने फ़िर से टिप्पणी कर दी । चलिए अब नहीं करूंगा । आप लिखते रहें ........पाठक खुद तय कर लेंगें । भविष्य के लिए शुभकामनाएं । और हां आप जब कोई एग्रीगेटर तैयार करें तो हमें जरूर शामिल करिएगा ..आखिर विचारों के विरोध के लिए हमें खुद ही तो आगे आना होगा न । अब चलता हूं ..दोबारा शुभकामनाएं आपको
भ्रष्टाचार के ख़ात्मे के लिए धर्म के द्वारा ऊपर उठना ज़रूरी है न कि धर्म से ही ऊपर उठना
@ भ्रष्टाचार के ख़ात्मे के लिए धर्म के द्वारा ऊपर उठना ज़रूरी है न कि धर्म से ही ऊपर उठना
मेरे प्रिय मित्र ! आप मेरे प्यारे भी हैं और मेरे मित्र भी। ऐसे में भला मैं आपको निशाने पर कैसे ले सकता हूं ?
मेरे निशाने पर है भ्रष्टाचार और पक्षपात और यह हवा में तो होता नहीं बल्कि कोई न कोई व्यक्ति या संघ यह सब करता है। इसलिए मजबूरी में उस आदमी को उसके ग़लत अमल पर टोकना ही पड़ता है। सुधार के इस आह्वान को लोग ‘निशाने पर लेना‘ कह देते हैं। अगर आप ध्यान से मेरी पोस्ट पढेंगे तो आप पाएंगे कि आपकी पोस्ट का ज़िक्र ज़रूर है लेकिन मेरे निशाने पर आप नहीं हैं बल्कि मार्गदर्शक मंडल प्रमुख इज़्ज़मआब जनाब दिनेश राय द्विवेदी जी हैं। उनके विरोध का मतलब उनकी ग़लत नीति का विरोध है न कि उनका अपमान करना। यहां लोग सम्मान देने का मतलब यह समझते हैं कि बड़े को उसकी ग़लत बात पर भी न टोका जाए। मैं उनका सम्मान करता हूं और उनकी ग़लती की निशानदेही करना उनका अपमान नहीं समझता। बड़े भी ग़लती पर छोटों को टोकते हैं और छोटे भी अपने बड़ों को ग़लती पर ध्यान दिला सकते हैं। ऐसा हमारे और विदेश के इतिहास से, हर जगह से सिद्ध है। जो जिसे प्रमाण मानता हो, वहां से देख ले, हमारी बात की तस्दीक़ हो जाएगी।
हम विरोध के बावजूद उनका सम्मान करते हैं इसीलिए आपको हमारे अनुपम समाचार पत्र ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ पर वकील साहब का ‘तीसरा खंबा‘ गड़ा हुआ नज़र आएगा। इस समाचार पत्र की लोकप्रियता का अंदाज़ा आप पाठकों की संख्या दर्शाने वाले ग्राफ़ से बखूबी लगा सकते हैं, जो कि इसके साइड में लगा है। जब हम उनका ब्लॉग लगा सकते हैं जो हमें हमारा ज्ञानदीप बुझाने की धमकी देते रहते हैं तो फिर आप जैसे प्यारों का ब्लॉग वहां भला क्यों न होगा ?
आप देखेंगे तो अपने ब्लॉग ‘आज का मुददा‘ को भी वहीं पाएंगे। फ़िलहाल जो है, उसमें आप शरीक हैं और आगे जो भी बनाएंगे, उसमें भी बिना आपके कहे आपको शामिल कर लिया जाएगा। प्यारों को दिल के क़रीब रखा जाए तो दिल को सुकून मिलता है।
हमने आपकी पोस्ट पर टिप्पणी की और हमें आपसे ऐसा कोई अंदेशा नहीं था कि आप हमारी टिप्पणी मिटा डालेंगे, इसलिए उसे सेव भी नहीं किया था। जब आपने उसे मिटा डाला तो ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ ने तुरंत उसकी ख़बर दी। जिसे आप निम्न लिंक पर देख सकते हैं-
पश्चिमी देशों से आयातित होती सामाजिक परंपराएं
इसलिए आवश्यकता केवल यह है कि समाज में धर्म की स्थापना की कोशिश की जाए
मैं आपके लिए दोबारा टिप्पणी लिख दूंगा, आप उसे उस पोस्ट पर पब्लिश कर दीजिएगा। आपको बताना भी दुनिया को ही बताना है। सौ को न बताकर आप एक पत्रकार को बता दीजिए, हज़ारों तक वह खुद पहुंचा देगा। हज़ारे को भी करोड़ों तक पहुंचाने वाले ये पत्रकार ही तो हैं।
मैं एक लड़ाई लड़ रहा हूं, यह तो आपने भी मान लिया है।
मैं कौन सी लड़ाई लड़ रहा हूं ?
यह जानने के लिए आप मेरे 40 ब्लॉग देख लीजिए, खुद पता चल जाएगा। अगर आप सभी ब्लॉग नहीं देख सकते तो केवल एक ब्लॉग ‘प्यारी मां‘ ही देख लीजिए।
अगर आप कहेंगे कि आपने उसे आज नहीं देखा है तो यह एक दुखद समाचार होगा।
क्या आप बाहर के आंदोलनों को ही ध्यान और कवरेज देते हैं और ब्लॉगजगत में संगठित रूप से चलाए जा रहे आंदोलनों को अपना समय और ध्यान नहीं देते ?
इस ब्लॉग का संचालक एक मुसलमान है, इसलिए आपने इसे आज तक इग्नोर किया और एक भी टिप्पणी नहीं की, ऐसा मानने को मेरा दिल नहीं चाहता। कोई और वजह रही होगी, क्यों साहब ?
आपने कहा है कि-
‘अब देखिए न आज देश हर धर्म ए हर जाति ए हर मकसद से ऊपर उठ कर कौन सी लडाई लडने को तत्पर है और आप कौन सी लड रहे हैं।‘
हमारा मानना है कि धर्म हरेक बुराई का ख़ात्मा कर देता है अगर समाज इसे वास्तव में ग्रहण कर ले और और इसके अनुशासन का पालन करे। ऐसे में धर्म से ऊपर उठने की ज़रूरत ही भला कहां रहती है ?
इसलिए आवश्यकता केवल यह है कि समाज में धर्म की स्थापना की कोशिश की जाए। बड़े-बड़े महापुरूषों ने यही काम किया है। उनमें से बहुतों को तो लोगों ने ईश्वर का अवतार ही मान लिया। उन सभी ने धर्म के द्वारा ऊपर उठने की शिक्षा दी है न कि धर्म से ही ऊपर उठ जाने की। यही शिक्षा मैं देता हूं।
जाति ग़लत नहीं है। अपने वंश का इतिहास याद रखना अच्छी बात है। जाति की बुनियाद पर दूसरों को दबाना और उनके हिस्से का माल खुद हड़प कर जाना, उन्हें छोटा और अछूत मानना और उनका शोषण करना, जाति के अंतर के कारण प्रेमी युगलों की हत्या कर देना, यह सब ग़लत है, इसे ज़रूर छोड़ देना चाहिए।
अन्ना हज़ारे को समर्थन देने वाला समाज यह सब छोड़ने के लिए तैयार नहीं है, समाज की बुनियादी ईंट हम खुद हैं। हमें अपने अंदर सामूहिक रूप से सकारात्मक बदलाव लाना होगा, तभी हमारा समाज अच्छा बन पाएगा। अन्ना हज़ारे का आंदोलन मात्र एक दबाव है जिसे चुनाव सामने होने के कारण सरकार मजबूरी में मान लेगी लेकिन उसके अंदर भ्रष्टाचार के ख़ात्मे की इच्छाशक्ति सिरे से ही मौजूद नहीं है। ऐसे आंदोलन थोड़े समय बाद ही व्यर्थ होकर रह जाते हैं।
ज़रूरत है कि भ्रष्टाचार के मूल पर प्रहार किया जाए। मैं वही कर रहा हूं। मेरा कर्तव्य है कि मैं सही बात और सीधा मार्ग आपके सामने लाऊँ, उसे ग्रहण करना या न करना आपका काम है।
मालिक आपका शुभ, मंगल और कल्याण करे, सत्य के साथ, लोक-परलोक में।
ऐसी हम कामना करते हैं।
शांति के लिए वेद कुरआन The absolute peace
सब जानते हैं आप केवल सच कहते हैं, सच कहने वालों में से हैं
लेकिन ऐसी पोस्ट बनाने से पहले अच्छा हो कि आप सबूत रख लिया करें
तुरंत पोस्ट बदल लेने से गूगल आदि रिकार्ड नहीं बना पाता
अजय जी मेरे पास तोपें नहीं है, मेरे पास तो दुनाली बन्दुक है कहिये तो वही दाग़ दूँ ! धायँ-धायँ !!
अजय जी मेरे पास तोपें नहीं है, मेरे पास तो दुनाली बन्दुक है कहिये तो वही दाग़ दूँ ! धायँ-धायँ !!
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